VARDAT A TO Z

VARDAT A TO Z is a Hindi regional daily newspaper distributed in India,tag launched on April 18, 2010 as a 4-page newspaper with a circulation of 2,576 copies. Vardat A to Z initially focused on political and social issues and crime stories. Twenty years later, the newspaper had a circulation of 20,000 serving over 14 districts in All Delhi & All Uttar Pradesh.

Wednesday, April 6, 2011

vardat atoz मेरा सपना साकार हुआ- सचिन तेंदुलकर


मुंबई। बल्लेबाजी के बेताज बादशाह अनुभवी बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने शनिवार को यहां कहा कि विश्व कप क्रिकेट टूर्नामेंट जीतने का उनका वर्षों पुराना सपना साकार हो गया है।

सचिन ने भारत के विश्व विजेता बनने के बाद कहा, इससे बेहतर मैंने कुछ सोचा नहीं था। विश्व विजेता बनना मेरा एकमात्र सपना था और आज यह पूरा हो गया। यह बेहद रोमांचक अनुभव है। सचिन फाइनल मुकाबले में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपने शतकों का महाशतक पूरा तो नहीं कर सके, लेकिन भारतीय टीम ने विश्व कप जीतकर उन्हें तोहफा दे दिया। अपने 21 वर्ष लंबे क्रिकेट में सचिन का यह छठा और संभवत: आखिरी विश्व कप है। वह कई मौकों पर हसरत जता चुके थे कि वह कम से कम एक बार देश को विश्वकप विजेता देखना चाहते हैं।

भारत 28 साल बाद विश्व चैंपियन बना

सचिन ने कहा कि गत दो वर्ष से भारतीय टीम लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है और इस लगातार मेहनत के बदौलत ही आज विश्व चैंपियन बन सकी है। इसके लिए सभी खिलाड़ियों के साथ सपोर्ट स्टाफ खासकर, कोच गैरी कर्स्टन बधाई के पात्र हैं।

उन्होंने कहा कि टूर्नामेंट में भारतीय टीम का सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है और घरेलू मैदान पर इसे अतिरिक्त दबाव भी झेलना पड़ा, लेकिन खुशी की बात है कि इस पूरे क्रम में टीम एकजुट रही और कप जीत लिया।

आंसुओं में डूब गए भारतीय खिलाड़ी 

टूर्नामेंट में हरफनमौला प्रदर्शन करने वाले युवराज सिंह ने कहा, सचिन के लिए विश्व कप जीतना हमारा भी सपना था और हमने इसे साकार किया। सचिन की मौजूदगी में हमने विश्व कप जीता। यह बेहद खुशनुमा है।

जैसे ही मैच खत्म हुआ साथी खिलाडियों ने मैदान में पहुंचकर सचिन को कंधे पर उठा लिया। सुरेश रैना और यूसुफ पठान की मदद से विराट कोहली के कंधे पर सवार सचिन खुशी से तिरंगा लहराते हुए फूले नहीं समा रहे थे। साथियों के कंधे पर सवार होकर ही उन्होंने पूरे मैदान का चक्कर काटा और इसके बाद तिरंगा लपेटकर मैदान में खड़े हो गये।

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